खून ही बहाते रहे, रक्त से नहाते रहे। खून ही बहाते रहे, रक्त से नहाते रहे।
भूखे सोये खाली पेट को जाकर भोजन खिला आऊँ । भूखे सोये खाली पेट को जाकर भोजन खिला आऊँ ।
तोड़ बेड़ियाँ रीत-रिवाज की, घर से निकल अब आई बेटियाँ। तोड़ बेड़ियाँ रीत-रिवाज की, घर से निकल अब आई बेटियाँ।
स्वयं को समर्पित तुझको कर दूँ, इच्छाऐं मेरी खास नहीं ॥ स्वयं को समर्पित तुझको कर दूँ, इच्छाऐं मेरी खास नहीं ॥
अपने सर को जो तेरे कदमों में झुका देते हैं। तुमको हर सूरत में अपनी अदाओं से मना लेते। अपने सर को जो तेरे कदमों में झुका देते हैं। तुमको हर सूरत में अपनी अदाओं से म...
शिक्षक हूं शिक्षा देना अच्छा लगता है बच्चों से हर पल रु-ब-रू होना अच्छा लगता है। शिक्षक हूं शिक्षा देना अच्छा लगता है बच्चों से हर पल रु-ब-रू होना अच्छा लगता ...